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डेंगू: लक्षण,कारण,उपचार इत्यादि (Dengue in hindi)

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भारत वर्ष में, 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस (world dengue day) के रूप में मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस बीमारी की अधिक-से-अधिक जानकारी देना है।
जैसा कि आप सभी यह जानते हैं कि डेंगू की बीमारी काफी तेज़ी से फैल रही है, जो काफी सारे लोगों में देखने को मिलती है।
हालांकि, इसके मरीज़ दुनियाभर में हैं, लेकिन यदि केवल भारत की बात की जाए तो इसका अंदाज़ा इंडिया एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के आधार पर ही लगाया जा सकता है,जिसके अनुसार, भारत में हर साल लगभग 132 लोगों की मौत डेंगू की वजह से हो जाती है।
यह आंकड़े वाकई काफी चौंकने वाले हैं, जिनपर तुरंत काबू पाने की कोशिश करनी चाहिए लेकिन यह दुख की बात है कि लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की कमी है, जिसकी वजह से वे इस बीमारी का आसानी से शिकार बन जाते हैं।
यदि आपको भी डेंगू और इससे होने वाले नुकसानों की जानकारी नहीं है, तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हमने डेंगू की आवश्यक जानकारी दी है।

डेंगू क्या है? (what is dengue? in hindi)

डेंगू को आम भाषा में डेंगू का बुखार कहा जाता है, जिसका मुख्य कारण संक्रमित मच्छर का काटना है।
डेंगू का नाम मुख्य रूप से डेंगू नामक वायरस के आधार पर पड़ता है, जो मुख्य रूप से मच्छरों में पाया जाता है, लेकिन जब इस वायरस से पीड़ित कोई मच्छर किसी इंसान को काट लेता है, तब यह बीमारी उस इंसान में आ जाती है।

डेंगू के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of dengue in hindi)

अलग-अलग लोगों में डेंगू के लक्षण अलग-अलग देखने को मिलते हैं, इसलिए उनके लिए इस बात का पता लगाना मुश्किल हो जाता है, कि वे डेंगू जैसी बीमारी से पीड़ित हैं।
इसके बावजूद, डेंगू बीमारी पर किए गए अध्ययनों से स्पष्ट हैं कि इस बीमारी के मुख्य रूप से ये 7
संभावित लक्षण हो सकते हैं-

  1. तेज़ बुखार होना (लगभग 104)
  2. सिरदर्द होना
  3. सिर्दी लगना
  4. कमज़ोरी महसूस होना
  5. उल्टी होना
  6. मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द होना
  7. स्कीन पर खुजली होना

डेंगू के कारण क्या हो सकते हैं? (Dengue causes in hindi)

हालांकि, डेंगू की बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से होती है।
इसके अलावा, इसके काफी सारे कारण भी हैं, जिनके परिणाम डेंगू के सामने आते हैं।
अत:डेंगू के मुख्य रूप से निम्नलिखित कारण हैं, जिन्हें किसी भी व्यक्ति को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए-

  • गंदगी में रहना
  • कमज़ोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर) का होना
  • हाल ही में विदेशी यात्रा करना
  • किसी बीमारी से पीड़ित होना
  • डेंगू संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना

डेंगू का इलाज कैसे करें? (How to treat dengue? in hindi)

हालांकि, डेंगू की बीमारी से काफी सारे लोग परेशान हैं।
इसके बावजूद राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह डेंगू का भी इलाज संभव है।
इस प्रकार, यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है, तो वह इन 4 तरीके से इससे निजात पा सकता है-

  1. घरेलू नुस्खे अपनाना
  2. दवाई लेना
  3. ब्लड टेस्ट होना
  4. प्लेटलेट्स को बढ़ाना

डेंगू के साइड-इफेक्ट्स क्या होते हैं? (Complications of dengue in hindi)

निश्चित रूप से, डेंगू का इलाज समय पर करवाकर इससे छुटकारा मिल जाता है, लेकिन इसे न करा जाए तो यह काफी घातक रूप ले सकती है।
अत: यदि डेंगू से पीड़ित कोई व्यक्ति इसका इलाज नहीं कराता है, तो उसे काफी सारे साइड-इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें से मुख्य रूप से निम्नलिखित हैं-

  • तेज़ बुखार का लंबे समय तक रहना
  • ब्लड वैसल का खराब होना
  • नाक से खून निकलना
  • मसूड़ों से खून आना
  • लीवर में सूजन का होना

डेंगू से बचाव कैसे संभव है? (Dengue precautions in hindi)

ऐसा माना जाता है कि ऐसी कोई बीमारी नहीं, जिससे बचाव संभव न हो।
यह बात डेंगू पर भी लागू होती है, जिसका लाभ ज्यादातर लोग उठा सकते हैं।
इस प्रकार, यदि कोई शख्स इन 5 चीज़ों का पालन करे, तो वह डेंगू से बचाव कर सकता है-

  1. साफ-सफाई रखना
  2. सही तरह के कपड़े पहनना
  3. मच्छरदानी या क्रीम इत्यादि का इस्तेमाल करना
  4. भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना
  5. साफ पानी पीना

यकनीन रूप से, आज के दौर में काफी सारी बीमारियाँ फैल रही हैं, जिनमें डेंगू भी शामिल हैं।
यह ऐसी बीमारी है, जिसके सभी उम्र के लोग शिकार बन सकते हैं, ऐसे में इसका पूर्ण इलाज कराने की सख्त जरूरत होती है।
इसके अलावा, यह भी काफी जरूरी है कि लोगों को डेंगू की पूरी जानकारी दी जाए ताकि वे अपने साथ-साथ अपने प्रियजनों को भी सेफ रख सकें।
इस प्रकार, हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि इसमें हमने डेंगू से जुड़ी आवश्यक जानकारी दी है।

  • सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)

Q1. डेंगू बुखार का इलाज करने का सबसे बेहतरीन तरीका क्या है?
Ans-
हालांकि, अभी तक डेंगू की कोई सटीक दवाई नहीं मिली है, लेकिन इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से पीड़ित है, तो उसे दर्द निवारक दवाई का सेवन करना चाहिए।
इसके अलावा, उसे अधिक मात्रा में लिक्विड पीना चाहिए ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो।
Q2. क्या किसी व्यक्ति की मौत डेंगू से हो सकती है?
Ans-
जी हां, हर साल लाखों लोगों को डेंगू की वजह से अपनी जान गवानी पड़ती है।
इस प्रकार, यह कहा जा सकता है, कि इस बीमारी की वजह से व्यक्ति की मौत हो सकती है।
Q3. डेंगू से पूरी तरह से ठीक होने में कितने समय लगता है?
Ans-
आमतौर पर, डेंगू से ठीक होने में 2-7 दिनों का समय लग सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इससे ठीक होने में एक हफ्त से अधिक समय लग सकता है।
Q4.
क्या डेंगू का इलाज घर में किया जा सकता है?
Ans-
जी हां, डेंगू का इलाज घर में संभव है।
इसके लिए पपीते के पत्तों का रस, नारियल पानी इत्यादि का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है।
Q5. डेंगू होने पर किस तरह का भोजन नहीं करना चाहिए?
Ans-
डेंगू होने पर अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इस दौरान, लोगों को ऑयली फूड, फ्राइड फूड, कैफीन, मसालेदार भोजन इत्यादि का परहेज़ करना चाहिए क्योंकि इस तरह का भोजन उनकी सेहत को खराब कर सकता है।
Q6.
डेंगू में अंडा खा सकते हैं?
Ans-
डॉक्टर डेंगू से पीड़ित लोगों को प्रोटीन से भरपूर भोजन करने की सलाह देते हैं।
इस प्रकार, इस दौरान अंडा या दूध इत्यादि का सेवन करना लाभकारी साबित होता है, जो इस बीमारी से पीड़ित लोगों को ठीक होने में सहायता करते हैं।
Q7. किस तरह का भोजन डेंगू से बचाव कर सकता है?
Ans-
डेंगू के ज्यादातर मामले ऐसे लोगों में देखने को मिलते हैं, जिनकी इम्युनिटी पावर कमज़ोर या विक होती है।
इसी कारण, हम सभी लोगों को ऐसा भोजन करना चाहिए जो हमारी इम्युनिटी पावर को बढ़ाए ताकि हमें डेंगू जैसी बीमारी न हो।
अत: इस दौरान पालक, अदरक, अनार, अंगूर इत्यादि का सेवन किया जा सकता है।

My name is Aakash Karn. I am a Passionate Article Writer, Professional Web Developer, Android Application Developer. Internet is my passion and I love to explore it.

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Ramdev’s Patanjali introduced COVID Drug to Government

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corona patanjali medicine

Patanjali Ayurved Yoga teacher Ramdev on Tuesday was asked by the government to provide information about the Ayurvedic medicines that it launched and reported that coronavirus can be cured within seven days. The company was also requested until they had been examined to stop promoting or publish these claims. Patanjali ‘s founder Ramdev told media on Tuesday that the medicines, “Coronil and Swasari,” were built based on work and analysis of 280. The drugs are provided in a Corona pack, which was sold in India inside a week, priced at Rs 545.

The Ayush Ministry asked Patanjali to provide information as soon as possible such as composition of drugs, the results of its tests, the hospitals in which the tests were carried out, obtained an agreement from the Institutional Ethics Committee and registered to the clinical studies.

 

corona patanjali medicine

“The Ministerial is not aware of the facts of the allegations and information of the scientific study,” said the Ayush ministry hours after the launch of Patanjali. The ministry requested copies of the Ayurvedic medicines in Haridwar, Uttarakhand for authorization and approval of products. Acharya Balkrishna CEO of Patanjali said that they have 100 percent met all of the Randomized Placebo Controlled Clinical Trials standard criteria, and the Ministry of AYUSH is provided with details.

The news agency has quoted Mr Balkrishna as saying: “The government provides Ayurveda support and pride. The contact gap has been closed and we have completely completed all of our regular Randomised Placebo Controlled Clinical Trials. Two police charges against Patanjali – one in Rajasthan and the other in Haryana – have also been filed for “misleading the public,” and for launching medicine without the advice of the Indian Council of Medical Research or ICMR. Even though many nations test vaccines, there is no medical evidence for an effective medication for COVID-19. Such claims have also been warned by the World Health Organisation.

Ramdev believed that the “100% favorable outcomes” of Patanjali’s medicines were found in clinical studies. ‘We are delighted to introduce that the first ayurvedic trial and science-based evidence and research-based medicine based on the collaborative efforts of the Patanjali Research Center and NIMS has been established in the country and world,’ Ramdev was quoted by the ANI press agency as saying.

“COVID medicines Coronil and Swasari are introduced today. We have carried out a two-phase trial of these first, a clinically-controlled test that took place among many other towns and cities in Delhi, Ahmedabad. 280 of these patients will be included and 100 per cent of those improved. The private Institute of Medical Sciences or NIMS University in Jaipur has been collaborating with Patanjali.

“The best thing that emerges of this is that 69 percent of patients recovered and were negative within three days of positive (cases) and within seven days 100 percent became negative, with the assistance of NIMS, Jaipur led a clinical checks study of 95 patients,” Ramdev said. The Yoga guru said that tests were carried out on all sorts of patients but those who are extremely contaminated and are used as bloaters on life support systems. He told the Indian Press Trust that “tests against the people infected on the ventilation support are still due.”

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कब्ज से पाएं इन 5 तरीके से छुटकारा (5 ways to treat constipation in hindi)

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कब्ज कुछ लोगों की नज़र में छोटी समस्या है, जिसके लिए किसी तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती है।
दूसरी ओर, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह पेट की समस्या असहनीय बन जाती है और उन्हें अन्य काम करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि आज कल काफी सारी खाने की चीज़े आ गई हैं, जिनका असर हमारे पाचन तंत्र (digestive system) पर पड़ता है और हम कब्ज जैसी पेट की बीमारी का शिकार आसानी से  बन जाते हैं।
अब, आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि कब्ज का इलाज किया जा सकता है, तो हम इस लेख में ऐसे ही सवालों के उत्तर देने जा रहे हैं।

कब्ज क्या है? (What is constipation? in hindi)

जब किसी व्यक्ति को वॉशरूम जाने में परेशानी हो और तमाम कोशिशों के बावजूद उसका पेट साफ न हो पाए, तो उस स्थिति को कब्ज कहा जाता है।
आमतौर पर, यह समस्या 1-2 दिनों में स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन जब ऐसा लंबे समय तक रहे तब इससे पीड़ित लोगों को मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।

कब्ज के संकेत क्या हैं? (Symptoms of constipation in hindi)

कब्ज की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, जिसके मुख्य रूप से ये 5 लक्षण या संकेत हो सकते हैं-

  1. एक हफ्ते में 3 से कम बार में मल होना
  2. मल का सख्त होना
  3. मलत्याग में कठिनाई होना
  4. बाउल में ब्लॉकेज होना
  5. पेट का सही तरीके से साफ न होना

कब्ज किन कारणों से होता है? (Constipation causes in hindi)

ऐसा माना जाता है कि किसी बीमारी के सटीक कारण का पता लगाना काफी मुश्किल होता है।
यह बात कब्ज पर भी लागू होती है, लेकिन इस बीमारी पर किए गए अभी तक अध्ययनों से स्पष्ट है कि इसके संभावित कारण निम्नलिखित हैं-

  • खान-पान में बदलाव करना
  • डाइट में पानी का कम मात्रा में सेवन करना
  • डेयरी उत्पादों का अधिक मात्रा में सेवन करना
  • किसी तरह की एक्सराइज़ न करना
  • स्ट्रेस लेना

कब्ज का इलाज कैसे करें? (How to treat constipation? in hindi)

हालांकि, कब्ज से पीड़ित लोगों को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके बावजूद राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह कब्ज का भी इलाज संभव है।
अत: यदि कोई कब्ज से पीड़ित है, तो वह इन 5 तरीके से इससे छुटकारा पा सकता है-

  1. घरेलू नुस्खे अपनाना
  2. दवाई लेना
  3. पैल्विक मांसपेशियों की एक्सराइज़ करना
  4. सप्लीमेंट का सेवन करना
  5. सर्जरी कराना

कब्ज की रोकथाम कैसे किया जा सकता है? (Constipation precautions in hindi)

हालांकि, कब्ज की वजह से काफी सारे लोग परेशान हैं, जो उसका इलाज कराने के लिए हर मुमकिन कोशिश भी करते हैं।
इसके बावजूद, सवाल यह उठता है कि क्या ऐसा कोई तरीका है, जिससे इस बीमारी की रोकथाम संभव है, तो आपको यह जानकर सुनकर राहत मिलेगी कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह कब्ज की भी रोकथाम की जा सकती है।
इस प्रकार, यदि कोई व्यक्ति कब्ज की रोकथाम करना चाहता है तो वह निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकता है-

  • खान-पान का ध्यान रखना या हेल्थी फूड करना
  • एक्सराइज़ करना
  • इम्युनिटी पावर को बढ़ाना
  • साफ पानी पीना
  • समय-समय पर हेल्थचेकअप कराना

निश्चित रूप से, पेट संबंधी बीमारी या समस्या किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकती है क्योंकि इसकी वजह से अन्य गंभीर बीमारियाँ  होने की संभावना भी बढ़ सकती है।
इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति कब्ज को गंभीरता से न ले तो कुछ समय के बाद यह बीमारी लाइलाज साबित हो सकती है।
हालांकि, इससे पीड़ित लोग इससे छुटकारा पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें कब्ज की पूर्ण जानकारी न होने के कारण इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाते हैं।
अत: यह जरूरी है कि उन्हें इस बीमारी की अधिक-से-अधिक जानकारी दी जाए ताकि वे इस बीमारी की रोकथाम करने के साथ-साथ इसके होने पर सही तरीके से इलाज करा सकें।

बार-बार पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)

Q1. कब्ज को कैसे ठीक किया जा सकता है?
Ans-
कब्ज को ठीक करने के लिए मुख्य रूप से अधिक मात्रा में पानी पीना, पौष्टिक भोजन करना, एक्सराइज़ करना, कॉफी का सेवन करना इत्यादि तरीके को अपनाया जा सकता है।
Q2. कब्ज होने के मुख्य कारण क्या हैं?
Ans-
कब्ज के प्रमुख कारणों में अनहेल्थी फूड खाना, एक्सराइज़ न करना, स्ट्रेस लेना, किसी तरह की बीमारी से पीड़ित होना इत्यादि शामिल हैं।
Q3.
क्या कब्ज से किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है?
Ans-
हालांकि, ऐसा काफी कम होता है कि किसी व्यक्ति की मौत कब्ज की वजह से हो जाएगे, लेकिन इसके बावजूद इससे पीड़ित लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें किसी तरह की गंभीर बीमारी का शिकार न बनना पड़े।
Q4.
कब्ज के लंबे समय तक रहने का नतीजा क्या हो सकता है?
Ans-
कब्ज के लंबे समय तक रहने का नतीजा काफी घातक साबित हो सकता है।
इसकी वजह से गुप्तांग में सूजन या इंफेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
Q5.
कब्ज होने पर किस तरह का भोजन करना चाहिए?
Ans-
कब्ज होने पर लोगों को अपने भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
उन्हें इस दौरान सादा भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी, नींबू पानी इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
Q6. कब्ज की समस्या कितने समय तक रह सकती है?
Ans-
आमतौर पर, कब्ज की समस्या 1-3 दिनों तक रह सकती है, लेकिन इसके अधिक रहने पर यह खतरनाक रूप ले सकती है, जिसके लिए मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है।
Q7.
कब्ज में किस तरह का भोजन नहीं करना चाहिए?
Ans-
कब्ज में मसालेदार भोजन, फ्राइड फूड, फास्ट फूड, शराब, संतरा इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस तरह का भोजन कब्ज की समस्या बढ़ा सकता है।

 

 

 

 

 

 

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